RAIPUR. मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला मामले में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के बाद सभी आरोपी जमानत के लिए मशक्कत कर रहे हैं। इसी क्रम में करीब एक माह से सेंट्रल जेल में बंद कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल ने जमानत के लिए ईडी के विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में आवेदन लगाया है। उनके अधिवक्ता ने आवेदन में बताया है कि उनके पक्षकार पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। मूल अपराध में नाम नहीं है। इसलिए हमने कोर्ट में जमानत याचिका लगाई है। गौरतलब है कि मनी लांड्रिंग मामले में आईएएस समीर बिश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल जेल में हैं।
आयकर विभाग की छापेमारी के आधार पर ईडी ने की थी कार्रवाई
कारोबारी सुनील के अधिवक्ता के अनुसार आयकर विभाग की छापेमारी के आधार पर ईडी ने कार्रवाई की थी। घर से भी कोई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद नहीं हुआ था। इसके बाद भी आरोपी बनाकर जेल भेजा गया है। वहीं, कर्नाटक पुलिस ने मूल अपराध में सूर्यकांत तिवारी और उनके सहयोगियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। इसकी विवेचना पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। इसे देखते हुए कि ईडी को जांच का अधिकार नहीं है। लिहाजा उनके पक्षकार को जमानत दिया जाए।
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जमानत याचिका पर विशेष अदालत करेगी सुनवाई
इस याचिका के बाद कोर्ट ने आवेदन को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। मंगलवार (22 नवंबर) को जमनात पर फैसला आने की उम्मीद है। इससे पहले भी जेल में बंद निलंबित आइएएस समीर बिश्नोई की जमानत याचिका स्थानीय विशेष अदालत से लगाई गई थी, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दी है। अब बिश्नोई के अधिवक्ता हाई कोर्ट से जमानत लेने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही जेल में बंद कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी के अधिवक्ता भी विशेष न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन लगाने की तैयारी में जुटे हैं। ईडी के अधिवक्ता जांच प्रक्रिया जारी होने का हवाला देकर शुरू से कोल घोटाले के चारों आरोपियों को राहत न देने की बात कोर्ट में कह रहे हैं।